अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव आरती
O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was in a position to perform his Vow right after arduous penance.
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता more info सब होई ।
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने more info हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
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